देवपूजा_के_विषय_में_राजा_या_सरकार_का_कर्तव्य
#देवपूजा_के_विषय_में_राजा_या_सरकार_का_कर्तव्य ================================== भारतवर्ष का संविधान ऐसे व्यक्तियों ने बनाया जो राष्ट्र के चरित्र निर्माण में धर्म की उपयोगिता से अनभिज्ञ नहीं थे। वस्तुतः परमात्मा में आस्था रखने वाले आस्तिक और धर्म पारायण नागरिक पाप, दुराचार और अपराध से दूर रहते हैं । और सदाचारी तथा कर्तव्य परायण होकर राष्ट्र के निर्माण और प्रगति में योगदान देते हैं। भारतीय लोकतंत्र की सरकार तथाकथित धर्मनिरपेक्ष संविधान से नियंत्रित होने के कारण न तो नागरिक को धर्म आचरण का निर्देश देती है और ना राष्ट्र के कल्याण हेतु देव पूजा और यज्ञ- यागादि जैसे कोई धार्मिक कृत्य ही राष्ट्रीय स्तर पर करती है किंतु प्राचीन काल में भारतवर्ष के राजा ना केवल अपने व्यक्तिगत कल्याण हेतु अपितु संपूर्ण राष्ट्र के कल्याण के लिए मंदिरों का निर्माण देवों की प्रतिष्ठा और उनकी पूजा की व्यवस्था करते थे विष्णु धर्मोत्तर पुराण में कहा गया है कि राजा के द्वारा देवों की पूजा किए जाने पर वे देवता समस्त पृथ्वी का पालन करते हैं। #पालयन्ति_यही_कुत्सनां_पूजिता_पृथिवीक्षिता। (#वि