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Showing posts from September, 2019

Online pandit ji | पंडित जी | pandit ji contect number

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Online pandit ji  श्री गणेशाय नमः - भगवान की किसि भी प्रकार की पूजा के लिए आप हमें कॉल कर सकते है ,आप भारत के किसी भी कोने में रहते या फिर दुनिया मे किसी भी जगह आप भगवान की पूजा कही भी कर सकते है , आपको पूजा की विधि , पूजा का क्रम ,पूजा कैसे करते है जानना है या किसि भी प्रकार की आपको पूजा से संबंधित कोई समस्या है तो आप हमें कॉल कर सकते है , हम ऑनलाइन offline ,और कॉल में आपसे संपर्क कर सकते है  हमसे संपर्क करने के लिए - हमारा मोबाइल न. है 9131578066 (अंकित दुबे ) आप हमे इसी no.  में whatsapp msg भी कर सकते है 

श्राद्ध कैसे करना चाहिए पूरी जानकारी

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श्राद्ध कैसे करना चाहिए पूरी जानकारी  क्यों जरूरी है श्राद्ध देना? मान्यता है कि अगर पितर रुष्ट हो जाए तो मनुष्य को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पितरों की अशांति के कारण धन हानि और संतान पक्ष से समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। संतान-हीनता के मामलों में ज्योतिषी पितृ दोष को अवश्य देखते हैं। ऐसे लोगों को पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।  श्राद्ध क्या है? (What is Shraddh) ब्रह्म पुराण के अनुसार जो भी वस्तु उचित काल या स्थान पर पितरों के नाम उचित विधि द्वारा ब्राह्मणों को श्रद्धापूर्वक दिया जाए वह श्राद्ध कहलाता है। श्राद्ध के माध्यम से पितरों को तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है। पिण्ड रूप में पितरों को दिया गया भोजन श्राद्ध का अहम हिस्सा होता है। क्या दिया जाता है श्राद्ध में? (Facts of Shraddha​) श्राद्ध में तिल, चावल, जौ आदि को अधिक महत्त्व दिया जाता है। साथ ही पुराणों में इस बात का भी जिक्र है कि श्राद्ध का अधिकार केवल योग्य ब्राह्मणों को है। श्राद्ध में तिल और कुशा का सर्वाधिक महत्त्व होता है। श्राद्ध में पितरों को अर्पित किए जा

shri ganeshay namha | गणपति की आरती-

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गणपति की आरती- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय... एक दंत दयावंत चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय... अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय... हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय... दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय...